खाना बनाने के लिए तेल (Oil) सबसे जरूरी चीजों में से एक है । बिना तेल के कोई भी सब्जी या डिश नहीं बनाई जा सकती है। लेकिन सेहत के हिसाब से ज्य...
खाना बनाने के लिए तेल (Oil) सबसे जरूरी चीजों में से एक है । बिना तेल के कोई भी सब्जी या डिश नहीं बनाई जा सकती है। लेकिन सेहत के हिसाब से ज्यादा तेल खाना नुकसानदायक हो सकता है।
हम में से ज्यादातर लोगों को तीखा और चटपटा खाना पसंद है। ये हमारे मूड को ट्रिगर करता है और रोमांचक महसूस कराता है। पर कहीं ऐसा तो नहीं कि ज्यादा तेल मसाला खाना आपको धीमे-धीमे कुछ गंभीर बीमारियों का शिकार बना दे। ये बात हम नहीं बल्कि डायटिशियन दलजीत कौर (Ms. Daljit Kaur), का भी कहना है जो कि फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली में डायटेटिक्स हेड हैं। डायटिशियन दलजीत कौर कहती हैं कि चटपटा और मसालेदार खाने में तेल मसाले की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो कि शरीर में फैटी एसिड्स को बढ़ाते हैं। साथ ही ये मोटापा, दिल की बीमारियों, पेट की बीमारियों और लिवर की बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाते हैं। इसी तरह शरीर के लिए ज्यादा तेल मसाले खाने के नुकसान (Side effects of eating oily and spicy food) और भी हैं। आइए जानते हैं सबसे बारे में विस्तार से।
ज्यादा तेल मसाला खाने के नुकसान | Side effects of eating oily and spicy food
1. गैस की समस्या
जब हम ज्यादा तेल मसालों से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाते हैं, तो इससे हमारे शरीर का पीएच बैलेंस खराब हो सकता है। दरअसल, हमारे शरीर का एक अपना पीएच लेवल है जो कि एसिडिक भी है और बेसिक भी। पर ज्यादा तेल मसाले वाली चीजों में मिर्च, तीखे हर्ब्स और अन्य मसालों का एक बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता है जो कि आपके पेट की आपके शरीर का पित्त बढ़ाते हैं और ज्यादा मात्रा में एसिड का प्रोडक्शन करते हैं। इसकी वजह से इन्हें खाते ही शरीर में एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है और आप सीन में जलन, गैस और पेट में सूजन आदि महसूस करते हैं।
2. पेट खराब करता है
मसालेदार भोजन पेट खराब होने और दस्त होने का सबसे आम कारण है। दरअसल, मिर्च-मसालों में कैप्साइसिन होता है जिसे ज्यादा खाने से पेट की परत को नुकसान पहुंचता है और इसलिए इसे खाने के बाद पेटे में जलन होती है। इसके अलावा कैप्साइसिन के मतली, उल्टी, पेट में दर्द और जलन वाली दस्त का भी कारण बनता है। इसलिए अगर आपको मसाले दार भोजन के बाद सीने में जलन और गेस की समस्या महसूस होती है, तो इसके सेवन से बचें।
3. अल्सर का कारण
कैप्साइसिन पेट एसिड के प्रोडक्शन को बढ़ाता है, जिससे आपको गैस्ट्रिक अल्सर और पेप्टिक अल्सर की बीमारी हो सकती है। दरअसल, ये दोनों पेट के अंदर घाव के बनने जैसा होता है। यह पेट में अस्तर को नुकसान पहुंचाते हैं पेट में अल्सर का कारण बनते हैं। इसके अलावा ज्यादा तीखा खाना आंतों की बीमारी जैसे कोलाइटिस का कारण बन सकता है।
4. लिवर की समस्या
ज्यादा तेल मसाला खाने से ये शरीर में लिवर की समस्याओं को बढ़ा सकता है। दरअसल, ज्यादा तेल मसाले वाले खानों का तेल लिवर से जा कर चिपक जाता है और लिवर में फैट जमने लगता है जो कि फैटी लिवर का कारण बनता है। इसके अलावा तेल मसाले आपके लिवर को भी डैमेज करने लगते हैं जिससे आपको लिवर सिरोसिस की समस्या हो सकती है। साथ ही लंबे समय तक तीखा खाने से हेपेटाइटिस और पीलिया भी हो सकता है। इन सभी बीमारियों से शरीर का बाकी काम काज भी प्रभावित होने लगता है।
5. मोटापा
मोटापा का हमेशा से दो बड़े कारण रहे हैं। पहले तो थरीर में ट्रांस फैट यानी कि अनहेल्दी फैट का ज्यादा जमा होना और दूसरा आपके मेटाबोलिज्म का धीमा हो जाना। ज्यादा तेल मसाला खाने से ये दोनों ही नुकसान होते हैं। दरअसल, ज्यादा तेल मसाले वाले खाने में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे ये वजन बढ़ाता है। दूसरा ये कि इसमें ट्रांस फैट यानी कि अनहेल्दी फैट की मात्रा ज्यादा होती है जिससे ये शरीर के अलग अलग टिशूज में चिपक जाते हैं और मोटापा का कारण बनते हैं। तीसरा ये कि तेल मसाले वाले खाने चिकने प्रकृति के होते हैं, जो कि मेटाबोलिज्म को स्लो कर देते हैं और खाना पचाने व वजन घटाने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। कुल मिला कर ये सब मिल कर मोटापे का कारण बनते हैं।
6. गुड बैक्टीरिया का नुकसान
ज्यादा तेल मसाले वाला खाने को खाने से ये पेट के गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाते हैं। दरअसल, ये आंत के माइक्रोबायोम को खराब कर सकता है और गुड बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाते हैं जो कि खाना पचाने और हमारे हेल्दी मेटाबोलिज्म के लिए बेहद जरूरी है। ये सभी शरीर में डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है। इसलिए पेट के गुड बैक्टीरिया को स्वस्थ रखने के लिए प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक फूड्स का सेवन करें।
7. त्वचा के लिए नुकसानदायक
तेल मसाले वाले चिकने भोजन ऑयली स्किन का कारण हो सकते हैं। साथ ही ये शरीर में होर्मोनल असंतुलन का कारण भी बनते हैं जिससे एक्ने और पिंपल्स आदि की समस्या बढ़ती है। साथ ही मसालेदार भोजन पेट में सूजन पैदा करता है और जिसके लक्षणों के रूप में आप एक्जिमा महसूस कर सकते हैं। साथ ही मसालेदार खाद्य पदार्थ त्वचा में रिसेप्टर्स को उत्तेजित करते हैं जो सामान्य रूप से गर्मी बढ़ाते हैं जिससे एक्ने की परेशानी और बढ़ सकती है।
8. नींद खराब करता है
अगर आप ज्यादा तेल मसाले से भरपूर भोजन पसंद करते हैं, तो आप इसे दोपहर के भोजन तक ही सीमित रखें नहीं तो रात में इसे खाना आपकी नींद खराब कर सकता है। दरअसल, रात में इसे खाने के बाद आपको एसिड रिफ्लक्स (GERD) की समस्या हो सकती है। इससे खा कर सोने के बाद गैस बन सकता है या बदहजमी हो सकती है। जिससे आपकी नींद खराब होगी और आप दिन भर सुस्त और आसली महसूस करेंगे।
9. दिल की बीमारियों का खतरा
तेल मसाले वाले खाने में ट्रांस फैट होता है जो कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से आपको ब्लड प्रेशर प्रभावित होता है यानी कि आपके ब्लड को पास होने में दिक्कत पैदा होती है, जो कि समस के साथ हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ये वजन बढ़ाने के साथ-साथ डायबिटीज को असंतुलित करता है जिससे भी उनमें हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।
10. गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए नुकसानदेह
गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए भी ज्यादा तेल मसाले वाला खाना खाना नुकसानदेह है। ये गर्भवती महिलाओं में गैस की समस्या को बढ़ाता है और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट मिल्क के प्रोडक्शन और उसके स्वाद को प्रभावित करता है। इसलिए इन दोनों ही स्थितियों में महिलाओं को ज्यादा तेल मसाले वाले खाने को खाने से बचना चाहिए।
ज्यादा तेल मसाला खाने के नुकसान , खाने में कैसे कम करे तेल | Tips to reduce oil in food
भले ही हम कितना भी अच्छा तेल क्यों ना खाएं, लेकिन इसकी अधिक मात्रा हमारे केलोस्ट्रोल लेवल को बढ़ा सकती है। इसके अलावा हार्ट ब्लॉकेज, फूड पाइप में ब्लॉकेज इन सभी का कारण ज्यादा तेल का सेवन करना होता है।
अगर आपको चटपटा और मसालेदार खाना पसंद है तो, आप कोशिश करें कि इसे कम मात्रा में खाएं। साथ ही तला-भूना खाने की जगह उबला हुआ या फिर ओवन या एयर फ्रायर में बनी हुई चीजों को खाएं। इसके अलावा कोशिश करें कि आप पारंपरिक चना या फिर भुजा, हेल्दी नमकीन और फ्रूट चार्ट जैसी चीजों का सेवन करें।
ऐसे में अगर आप अपनी कुकिंग में तेल की मात्रा कम करना चाहते हैं, तो हम आपको बताते हैं 7 जरूरी टिप्स (Tips to reduce oil) जिससे आप अपनी कुकिंग में आजमा सकते हैं और अपने तेल की मात्रा को कम कर सकते हैं -
नॉन-स्टिक पैन
नॉन-स्टिक बर्तन और पैन खाना पकाने के दौरान आपके तेल को कम करने का सबसे सुविधाजनक तरीका है। अच्छी गुणवत्ता वाले नॉन-स्टिक कुकवेयर में हम 1 चम्म्च तेल में ही स्वादिष्ट खाना बना सकते हैं। हालांकि, आम बर्तनों की तुलना में नॉन-स्टिक बर्तन खरीदना महंगा हो सकता है, लेकिन इसका उपयोग आपकी हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है।
चम्मच से मापें
अक्सर खाना बनाते समय हम अनुमानों का उपयोग करते हैं और जब तेल की बात आती है, तो हम सीधा कंटेनर से अंदाज से तेल डाल देते है। नतीजन, कई बार खाने में तेल ज्यादा हो ज्यादा है, इसलिए खाना बनाते समय तेल के सटीक अनुपात का उपयोग करें।
पैन फ्राई
किसी चीज को डीप फ्राई करने में अतिरिक्त तेल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में आप डीप फ्राई की जगह पैन-फ्राई का ऑप्शन चुन सकते हैं। जैसे- पनीर को डीप फ्राई करने की जगह आप शैलो फ्राई करें।
स्टीम कुकिंग
स्टीम कुकिंग हेल्थ के लिहाज से बहुत फायदेमंद है। ये तेल की खपत को काफी कम कर सकती है। जैसे- सब्जी बनाने के लिए आप अगर उन्हें पहले गर्म पानी में थोड़ा स्टीम कर लेंगे या सब्जी को प्रेशर कुकर में बनाएंगे, तो तेल का कम यूज होगा।
बेकिंग
बेकिंग उन तकनीकों में से एक है, जिसमें कम तेल का यूज होता है। अगर आप कोई सख्त सब्जियां बेक कर रहे हैं, तो आप उन्हें पहले उबाल सकते हैं। इसके अलावा और चिकन या मटन को मैरीनेट करें और ओवन में बेक करने के लिए थोड़ा सा तेल डालें। ये आपके डिश को कम तेल में बनाने में मदद करेगा।