योग आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है| जो लोग नियमित योग करते है उनकी आयु लंबी होती है| योग के अंतर्गत आने वाले आसनो का अपना अपना अलग महत्व है| सर्वांगासन भी उन्ही आसनो में से एक है|
योग आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करता है| जो लोग नियमित योग करते है उनकी आयु लंबी होती है| योग के अंतर्गत आने वाले आसनो का अपना अपना अलग महत्व है| सर्वांगासन भी उन्ही आसनो में से एक है|
जैसा की नाम से पता चल रहा है सर्वांगासन, अर्थात इस आसन से सभी अंगो का व्यायाम होता है|
जैसा की नाम से पता चल रहा है सर्वांगासन, अर्थात इस आसन से सभी अंगो का व्यायाम होता है|
सर्वांगासन दो शब्दो से मिलकर बना है सर्व अंग और आसन| सर्वांगासन शरीर के लिए एक पूरा व्यायाम है। इसे शोलडरस्टैंड के नाम से भी जाना जाता है| यह आसन करने में थोड़ा मुश्किल आसन है। लेकिन इसके फायदों को जानते हुए आपको इसे करना जरूर सीखना चाहिए| इसका अभ्यास करते करते, धीरे धीरे आप इसे करना सिख लेंगे|
सर्वांगासन दो प्रकार के होते हैं सर्वांगासन और अर्धसर्वांगासन| इस आसन में भूमि पर पीठ के बल लेटकर शरीर को ऊपर उठाया जाता है अत: इसे सर्वांगासन के नाम से जाना जाता है| इसे करने से पूर्ण शरीर अर्थात पैर की उंगलियों से लेकर मस्तिष्क तक लाभ पहुंचता है।
सर्वांगासन करने की विधि (:Sarvangasana Steps )
1. सर्वांगासन करने के लिए सर्वप्रथम किसी साफ समतल जगह का चुनाव कर उस पर चटाई बिछाएं।
2. इसके पश्चात चटाई पर पीठ के बल लेट जाए|
3. अपने दोनों पैरों को एक साथ मिला कर रखे|
4. दोनों हाथो को कमर से सटाकर जमीन पर रखे और शरीर को ढीला छोड़ दे|
5. अब सांस अंदर भरते हुए धीरे धीरे से पैरों को बिना मोड़े उपर की और उठाएं।
6. जैसे जैसे आप पैरो को उपर की तरफ उठाएं, वैसे-वैसे कमर को भी उपर की तरफ उठाना है|
7. आपको अपने पैरों और पीठ को 90 डिग्री तक उठाने की कोशिश करना है|
8. हथेलियों को भूमि पर रखते हुए पीठ और कमर को उपर की तरफ उठाएं।
9. इस आसन का अभ्यास करते समय आपका मुख उपर आकाश की तरफ होना चाहिए। और कुहनियां जमीन से टिकी हुई हों।
10. जब आप इस आसन को करते है उस वक्त हाथों से पीठ को सहारा दे|
11. 30 सेकण्ड्स या उससे अधिक इस मुद्रा को बनाये रखने की कोशिश करे|
12. अब पुनः पहले की अवस्था में आएं।
13. सर्वांगासन को अपने शरीर की क्षमता के अुनसार ही करें।
1. सर्वांगासन करने के लिए सर्वप्रथम किसी साफ समतल जगह का चुनाव कर उस पर चटाई बिछाएं।
2. इसके पश्चात चटाई पर पीठ के बल लेट जाए|
3. अपने दोनों पैरों को एक साथ मिला कर रखे|
4. दोनों हाथो को कमर से सटाकर जमीन पर रखे और शरीर को ढीला छोड़ दे|
5. अब सांस अंदर भरते हुए धीरे धीरे से पैरों को बिना मोड़े उपर की और उठाएं।
6. जैसे जैसे आप पैरो को उपर की तरफ उठाएं, वैसे-वैसे कमर को भी उपर की तरफ उठाना है|
7. आपको अपने पैरों और पीठ को 90 डिग्री तक उठाने की कोशिश करना है|
8. हथेलियों को भूमि पर रखते हुए पीठ और कमर को उपर की तरफ उठाएं।
9. इस आसन का अभ्यास करते समय आपका मुख उपर आकाश की तरफ होना चाहिए। और कुहनियां जमीन से टिकी हुई हों।
10. जब आप इस आसन को करते है उस वक्त हाथों से पीठ को सहारा दे|
11. 30 सेकण्ड्स या उससे अधिक इस मुद्रा को बनाये रखने की कोशिश करे|
12. अब पुनः पहले की अवस्था में आएं।
13. सर्वांगासन को अपने शरीर की क्षमता के अुनसार ही करें।
सर्वांगासन के लाभ (Sarvangasana Benefits) :
इस आसन का अभ्यास कई बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप , जलन, गुस्सा इत्यादि को कम करने में लाभदायक है। यह आपको कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है, इससे आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होता है आदि|
इस आसन का अभ्यास कई बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप , जलन, गुस्सा इत्यादि को कम करने में लाभदायक है। यह आपको कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है, इससे आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होता है आदि|
जो लोग नियमित इस आसन को करते है उनके चयापचय कार्य नियमित होते है, जिससे वजन को घटाने में मदद मिलती है| यह रक्त से विषाक्त पदार्थों और अन्य अपशिष्ट उत्पादों को हटाने में मददगार है|
इसलिए इससे त्वचा संबंधित बीमारिया नहीं होती| सर्वांगासन का अभ्यास आपके मस्तिक्ष में रक्त की पूर्ति करता है, इसलिए इससे बालों के झड़ने, बाल गिरने और बालों का समय से पहले सफ़ेद होने की समस्या खत्म हो जाती है| यौन समस्याओं और इससे जुड़े विकारों में इसे करने से बहुत लाभ मिलता है। यह बार- बार गर्भपात, प्रदर, उपदंश, आदि से निजात दिलाता है|
यह आपके त्वचा के लिए भी लाभकारी है, इस आसन को करने से चेहरे पर लालिमा आती है और यह झुर्रियों, पिम्पल्स और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोकता है। जिन लोगो की आँखों की रौशनी कम होती है उन्हें Sarvangasana Yoga Pose का अभ्यास जरूर करना चाहिए, क्योकि यह नेत्र सम्बंधित परेशानियों से भी बचाता है। जो लोग वैरिकाज़ नस से ग्रस्त है उनके लिए यह आसन किसी रामबाण औषधि से कम नहीं है| यह पैरों की रक्त वाहिकाओं में रक्त के दबाव कम कर देता है|
यह पेट से सम्बंधित अंगों को सक्रिय करता है और उचित एन्ज़ीमेस के स्राव में मददगार है जिसके चलते कोलाइटिस, अल्सर, क्रोनिक दर्द आदि से निजात मिलती है|
Special Tips : आप भी इसे करके लाभ पा सकते है| लेकिन इस आसन को हमेशा योग गुरु की देखरेख और अपनी क्षमता के अनुसार ही करे| इसके अतिरिक्त जिन लोगों को गर्दन या रीढ़ में शिकायत हो उन्हें सर्वांगासन को नहीं करना चाहिए।
Special Tips : आप भी इसे करके लाभ पा सकते है| लेकिन इस आसन को हमेशा योग गुरु की देखरेख और अपनी क्षमता के अनुसार ही करे| इसके अतिरिक्त जिन लोगों को गर्दन या रीढ़ में शिकायत हो उन्हें सर्वांगासन को नहीं करना चाहिए।