आज समोसा भले ही शाकाहारी-मांसाहारी दोनों रूप में उपलब्ध है पर आलू के समोसों ही अब भी सबसे अधिक पसंद किये जाते हैं। शाम की चाय के साथ अगर गर्मागर्म समोसा मिल जाये तो कहना ही क्या! जी हां ये लजीज समोसा गली के नुक्कड़ की छोटी सी हलवाई की दुकान से लेकर बड़े से बड़े होटल में भी आसानी से मिल जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि कहां से आया ये समोसा।
आज समोसा भले ही शाकाहारी-मांसाहारी दोनों रूप में उपलब्ध है पर आलू के समोसों ही अब भी सबसे अधिक पसंद किये जाते हैं।
शाम
की चाय के साथ अगर गर्मागर्म समोसा मिल जाये तो कहना ही क्या! जी हां ये
लजीज समोसा गली के नुक्कड़ की छोटी सी हलवाई की दुकान से लेकर बड़े से
बड़े होटल में भी आसानी से मिल जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि कहां से आया ये समोसा।
दक्षिण
एशिया का लोकप्रिय व्यंजन समोसे की उत्पत्ति उत्तरी भारत में हुई ऑर फिर
यह धीरे-धीरे पूरे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश सहित आस-पास के क्षेत्रों
में भी काफी लोकप्रिय हुआ। यह भी माना जाता है कि समोसा मध्यपूर्व से भारत
आया और धीरे-धीरे भारत के रंग में रंग गया।
इतिहासकारों का कहना है कि
दसवीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसा एक व्यंजन के रूप में सामने आया
था। 13-14वीं शताब्दी में व्यापारियों के माध्यम से समोसा भारत पहुंचा।
महान कवि अमीर खुसरो (1253-1325) ने एकजगह जिक्र किया है कि दिल्ली सल्तनत
में उस दौरान स्टड मीट वाले घी में डीप फ्राई समोसा शाही परिवार के सदस्यों
व अमीरों का प्रिय व्यंजन था।
14वीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आये
इब्नबतूता ने मो0 बिन तुगलक के दरबार का वृतांत देते हुए लिखा कि दरबार में
भोजन के दौरान मसालेदार मांसाहारी समोसा, मंूगफली और बादाम डालकर तैयार
किया गया लजीज समोसा परोसा गया, जिसे लोगों ने बड़े चाव से खाया। यही नहीं
16वीं शताब्दी के मुगलकालीन दस्तावेज आईने अकबरी में भी समोसे का जिक्र
बकायदा मिलता है।
समोसे
की उम्र भले ही बढ़ती गई पर पिछले एक हजार साल में उसकी तिकोनी आकृति में
जरा भी परिवर्तन नहीं हुआ। आज समोसा भले ही शाकाहारी-मांसाहारी दोनों रूप
में उपलब्ध है पर आलू के समोसों ही अब भी सबसे अधिक पसंद किये जाते हैं।
इसके बाद पनीर एवं मेवे वाले समोसे पसंद किये जाते हैं। अब तो मीठे समोसे
के अलावा बच्चों को लुभाने के लिये उनके पसंदीदा मैक्रॉनी और नूडल्स समोसे
भी बाजार में उपलब्ध हैं।
समोसे का असली मजा तो उसे डीप फ्राई करने
में है, पर पाश्चात्य देशों में जहां लोग कम तला-भुना पसंद करते हैं, वहां
लोग इसे बेक करके खाना पसंद करते हैं। भारत विभिन्नताओं का देश है, सो हर
प्रांत में समोसे के साथ वहां की खूबियां भी जुड़ती जाती हैं। दिल्ली,
उत्तरप्रदेश व बिहार में आलू के समोसे लोग बहुत चाव से खाते हैं तो गोवा
में मांसाहारी समोसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।
समोसा तो आपको दक्षिण भारत में भी मिल जायेगा लेकिन नारियल के तेल में समोसा का स्वाद पता नही आपको पसंद आयेगा या नही
News source : jagran news,