मानूसन, चिलचिलाती गर्मी के दिनों के बाद राहत लेकर आता है। इन दिनों में हम अपने परिवार, बच्चों और दोस्तों के साथ प्रायः मस्ती और आनंद भरा ...
मानूसन, चिलचिलाती गर्मी के दिनों के बाद राहत लेकर आता है। इन दिनों में हम अपने परिवार, बच्चों और दोस्तों के साथ प्रायः मस्ती और आनंद भरा समय बिताना पसंद करते हैं और इसी वजह से हमारे शरीर में कब संक्रमण का हमला हो जाता है, हमे पता ही नहीं चल पाता है
दरहसल मानसून के दौरान हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही कम हो जाती है। कई तरह के संक्रमण हमारे शरीर में प्रवेश करने लगते हैं, जो कई तरह के रोग उत्पन्न करते है। जिसके चलते पेट संबंधित समस्याए जैसे कि अपच, पेचिश, टाइफाइड और श्वास की समस्याएं जैसे कि सर्दी, खांसी, दमा, इसके अलावा त्वचा की समस्याएं जैसे कि एक्जिमा, रेशेज, फुंसी, फोड़े, पिंपल्स आदि होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस मौसम में अक्सर ही हवा, वातावरण, परिवेश, खान-पान सभी संक्रमित हो जाते हैं। विशेष कर त्वचा में संक्रमण होने पर महिलायों और पुरुष दोनों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। अक्सर ऐसे मौसम में हमारी त्वचा अस्थिर प्रतिक्रिया करने लगती है।
कुछ दिनों के लिए त्वचा तेलीय हो जाती है, तो कभी शुष्क हो जाती है। अगर आपकी त्वचा स्वभाविक रूप से ही तेलीय है तो, मानसून के दिनों में आपको इसका ख़ास ख्याल रखना चाहिए। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए आइए जानते है त्वचा और चेहरे की तन्दुरुस्ती के लिए बारिश के दिनों में यदि आप वाकई अपनी त्वचा को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो कुछ नियमों का जरूर पालन करें |
चेहरे को नियमित रूप से साफ़ करें :
मानसून के मौसम में चेहरे को साफ़ रखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इससे हमारे चेहरे से मेल, गंदगी दूर हो जाती है और बेक्टेरिया का विकास भी नहीं हो पाता है। इसलिए चेहरे को साफ़ रखने के लिए उसे माइल्ड क्लींजर से धोए और यदि आपकी चेहरे पर मुँहासे हैं तो उसे धोने के लिए सैलिसिलिक एसिड फेस वाश का इस्तेमाल करें। सैलिसिलिक एसिड बैक्टेरिया के विकास को रोकता है और चेहरे को मुँहासे और पिंपल्स से दूर रखता है।
घरेलू फेस-पैक :
बारिश के दिनों में बेसन या मुल्तानी मिट्टी के फेस-पैक का इस्तेमाल करे, क्योंकि यह अतिरिक्त त्वग्वसा (sebum) को अवशोषित कर लेता है और त्वचा को फिर से नया और जवां कर देता है। अगर आपकी त्वचा को हल्दी से कोई एलर्जी नहीं होती है, तो इस फेस-पैक में हल्दी के पाउडर की एक चुटकी मिला लें और फिर इसका इस्तेमाल करें। हल्दी न केवल आपके चेहरे से सूजन और मुँहासे को साफ कर देगी, बल्कि यह वसामय-ग्रंथियों द्वारा होने वाले तेल के स्त्राव को भी कम कर देती है।
लाइट मॉइस्चराइजर का उपयोग करें :
मॉइस्चराइजर हमारी त्वचा के बाहरी स्तर के जलयोजन स्तर (hydration level) को बढ़ा देता है और त्वचा को नरम रखता है। मानसून के मौसम में त्वचा पहले से ही उमस भरे दौर से गुजरती है, इसलिए इन दिनों में लाइट-
मॉइस्चराइजर को त्वचा पर लगाना चाहिए क्योंकि यह बिना चिपचिपाहट के हाइड्रेटेड रखता है। इसके अलावा, आप चाहे तो त्वचा को सॉफ्ट और नरम रखने के लिए ग्लिसरीन और गुलाब-जल का मिश्रण बना कर रात को सोने से पहले त्वचा पर लगा सकते हैं।
हाइड्रेटेड रहें :
मानसून के दिनों में हमारा शरीर पसीने के माध्यम से तरल-पदार्थ को बहार करता है। इसलिए, जितना हो सके सादा पानी पिए, और नींबू-पानी, नारियल का पानी , ताजे फलों के रस का भी सेवन करें। यह आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड और चमकदार रखेगा| कत्रिम पेय जैसे की सॉफ्ट ड्रिंक आदि से दूर रहे। हाथों को रखे साफ़ आमतौर पर हमारे हाथ कई तरह की चीजों को छूते रहते हैं, जिसमे बैक्टीरिया के मौजूद रहने की भी बहुत संभावना रहती है। मानसून के मौसम में बैक्टीरिया का विकास बहुत ही तेज़ी से होता है।
इसलिए इन दिनों में बैक्टीरिया के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को नियमित रूप से साफ़ रखे और चेहरे पर हाथ न लगाएं। बिना साफ़ किये हाथो को चेहरे पर लगाने से बेक्टेरिया चेहरे में प्रवेश कर सकते हैं, जो कि चेहरे में पिंपल्स और मुँहासे आदि में परिवर्तित हो सकते हैं। गर्म पानी का प्रयोग करें मानसून के दिनों में गरम पानी का उपयोग करें। गुनगुने पानी की तुलना में गर्म पानी त्वचा से तेल और अन्य अशुध्दियों को बेहतर तरीके से खत्म कर देता है। इससे त्वचा स्वस्थ और अच्छी हो जाती है।
हैवी-तेल न लगाए :
बारिश के दिनों में आपको हैवी ऑयल्स जैसे कि नारियल या अरण्डी का तेल नहीं लगाना चाहिए यह त्वचा में पोर्स को रोक सकता है। लेकिन आप नॉन- स्टिकी एसेंशियल ऑयल्स जैसे कि चाय के पेड़ का तेल (tea tree oil) का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाय के पेड़ का तेल त्वचा से त्वग्वसा सीबम को अवशोषित कर लेता है और मुहांसे व पिंपल्स के विकास को भी रोक देता है।
अल्कोहल मुक्त टोनर का उपयोग :
मानसून के मौसम में आर्द्रता और नमी अपने चरम स्तर पर होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर से पसीना अधिक मात्रा में निकलने लगता है। अधिक पसीने के वजह से त्वचा के पोर्स और भी बढे होने लगते हैं और उनमे बाहरी-अशुध्दियां भरने लगती हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए अल्कोहल-रहित टोनर का इस्तेमाल करें। यह
त्वचा के पोर्स को साफ़ करता है और इसे बढ़ा होने से रोकता है।
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